सोनम वांगचुक जो की लद्दाख के एक बहुत ही मशहूर एनवायरमेंटलिस्ट और इंजीनियर है वह इन दिनों दिल्ली में भूख हड़ताल पर बैठे हैं आईए जानते हैं की लद्दाख के सोनम आखिर केंद्र सरकार से चाहते क्या है? और उनकी मांगे क्या है?
हड़ताल का कारण:
लद्दाख एक बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र है यहां ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं और जलवायु परिवर्तन का असर साफ दिख रहा है लोगों का कहना है कि यह ग्लोबल वार्मिंग का नतीजा हैl
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सोनम वांगचुक का मानना है कि अगर जल्दी से कोई कदम नहीं उठाया गया तो लद्दाख का वातावरण और वहां के लोग बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं साथ ही साथ बाहरी लोग लद्दाख में आकर जमीन खरीद रहे हैं जिससे स्थानीय लोगों का नुकसान हो रहा है इन्हीं सब कर्म के चलते सोनम लद्दाख के लोगों की तरफ से इन दिनों केंद्र में भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं और अपनी समस्या ऊपर तक पहुंचाना चाहते हैंl
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लद्दाख की मांगे
1.Constitutional Protection
सोनम चहते है कि लद्दाख को भारत के संविधान की छठी अनुसूची (Sixth Schedule) के तहत सुरक्षा मिलेl इसका मतलब है कि लद्दाख के लोग अपने संसाधनों और जमीन की रक्षा कर सके इस सुरक्षा से बाहरी लोग वहां की जमीन नहीं खरीद पाएंगे और विकास योजनाएं भी स्थानीय लोगों की हित में बनाई जाएगी ना कि टूरिज्म बढ़ाने के लिए l
2. Environmental Protection
लद्दाख में पर्यावरण बहुत ही नाजुक है ज्यादा विकास या पर्यटन से इसका नुकसान हो सकता है वहां ग्लेशियर पहले से ही तेजी से पिघल रहे हैं सोनम चाहते हैं कि विकास कार्य इस तरह से हो कि उससे लद्दाख का पर्यावरण भी बचा रहे और प्राकृतिक संसाधन भी खत्म न हो l उनका यह भी मानना है की प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना वहां के लोगों के साथ भी खिलवाड़ करना होगा l
3. Tribal Rights
लद्दाख के स्थानीय जनजाति समुदायों को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष सुरक्षा चाहिए बाहरी लोगों की बढ़ती संख्या से उनका जीवन और संस्कृति प्रभावित हो रही है अगर बाहरी लोग लद्दाख में आकर रहने लगेंगे तो वहां का स्थानीय जीवन विलुप्त हो सकता है छठी अनुसूची के तहत इन समुदायों को विशेष अधिकार मिलेंगे जिससे वह अपनी जमीन और संसाधनों पर नियंत्रण रख सकेंगे l
सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल एक शांतिपूर्ण तरीका है सरकार और लोगों का ध्यान इस गंभीर मुद्दे की ओर खींचने के लिए उनका कहना है अगर समय पर सही कदम नहीं उठाए गए तो लद्दाख की प्राकृतिक सुंदरता और वहां के लोगों का जीवन संकट में पड़ सकता हैl
वह सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा मिले जिससे वहां के लोगों और पर्यावरण की रक्षा की जा सके उनका मानना है कि इस कदम से लद्दाख का भविष्य सुरक्षित होगा और वहां की अनमोल धरोहर बची रहेगी l
सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल सिर्फ एक व्यक्तिगत आंदोलन नहीं है बल्कि लद्दाख और पूरे देश के भविष्य के लिए एक संदेश है लद्दाख का वातावरण और उसकी संस्कृति अनमोल है और इसे बचाने के लिए सरकार और जनता दोनों को मिलकर काम करना होगा l
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